Monday, December 31, 2012

नव वर्ष

                         नववर्ष
आज फिर आहत हो रही है नव वर्ष 
बस कुछ समय औरनई आशाएं
नये सपने नई आहटें नई उड़ाने
बीत जाएगा २०१२ कुछ अपने निशान छोड़ के 
कुछ खुशिओं के चिन्ह कुछ टीसों के निशाँ
बस दुया है उस परमेश्वर से आने वाला वर्ष
सबको खुशिओं के उपहार दे 
मंगलमय हो हेर आने वाली प्रभात 
हरनिशा अपने आँचल में चाँद तारों 
के सपने दे परिओं की आहात सपनों में हो 
बस रब से दुया है सभी मित्रगण
हर्षौल्लास से प्रफुलित हों 


Wednesday, December 19, 2012

नारी तुम श्रद्धा हो

                नारी तुम श्रद्धा हो 
नारी तुम श्रद्धा हो ,नारी पूजनीय है ?
कब तक नारी एक भोग्य बनी रहेगी
क्यों उसमें ममता नहीं देखी देती
मंदिर की देवेओं का पूजन व्यर्थ है
जब तक धरा की देविओ को नहीं पूजोगे
आज कितनी  कितनी द्रोप्दिओं का हरण हो रहा है 

कृषण के पथ पे चलो सुदर्शन हाथ में तुझे लेना होगा रावन को भी मत दे दी है इन दरिंदों ने
तुम्हीं राम तुम्हीं लक्ष्मण हो साथिओ
काट डालो इन दरिंदों को 
किसी की बेटी , किसी की बहिन या
नारी का यह हाल न हो ................