यह इंसान
क्या हथकंडे अपनाता है इंसान
सिर्फ पैसे कमाने के लिए ,
कभी दोस्ती का ढोंग
कभी झूठे रिश्तों का आवरण ,
सिर्फ पैसे तक सम्बन्ध
पैसे पे शुरू पैसे पे ख़त्म ,
अरे नादां इंसान किसके लिए
करता है तू यह ,
कल जब तक तुझे इसका एहसास होगा
तब तक बहुत कुछ तुझसे छिन्नचूका होगा
जिम्के लिए तू यह सब कर रहा है
वो तो तुझे भी भूल चुके होंगे ,
क्यूंकि तुझसे उन्होंने भी तो सीखा होगा
कि सिर्फ पैसा , सिर्फ पैसा
तो क्यूँ देंगे तुझ पे ध्यान ,
तूने ही तो उन्हें विरासत दी होगी
आज कर्म मायने नहीं रखता लोगों को
धन मायने रखता है ,
क्या फायदा इन फरेबों का
गर दो पल का सुकून नहीं तेरे पास ,
कल तेरे पास सिर्फ हिसाब होगा
जो तू करता रहेगा ,
साथ नहीं होगा किसी का ,
पैसों से नींद खरीद पाएगा ?
भूख खरीद पायेगा ?
रिश्ते खरीद पायेगा ?
गर कहीं किसी को इन सब की दूकान मिले
तो मुझे भो पता देना !
क्या शै बनाई है भगवान ने भी
यह इंसान ,
बस अपने स्वार्थ के पीछे पागल