मेघ
यह घटा घनघोर कहाँ से आई है
यह गर्जन कहाँ से आ रहा है
छम छम मेघ बरस रहे हैं
पता नहीं किसके आंसू बह रहे हैं
गर्जन से किसीका दिल चूर हुआ होगा
खुदा भी किसी का दर्द देख रो पड़ा है शायद
बहा ले जाना चाहता है शायद
सारे दर्द किसी के ,
मिटा देना चाहता है निशाँ भी शायद
धरा कि प्यास बुझाने चला है शायद
घनघोर घटा छमछम बरस रही है
कुछ तो गर्द बहा ले जाएगी
घनघोर मेघ गरज के साथ
किसी कि चीखे तो छुपा लेंगे
pata nhi kiske aansoo bah rahe hain ......bahut sundar
ReplyDeleteसच में मीना जी पता नहीं बारिश के नाम पे किसकी आँखों से बारिश हो रही है
ReplyDeleteधन्यवाद सखी
मार्मिक ....
ReplyDeleteरमा मेघ तो बरेंगे ही जब घुमड़ क्र आये हैं
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