इश्क है क्या कोई समझाओ जरा
चाहत में डूब जाना याद में खो जाना
बिना कहे उसका सब समझ जाना
दिल जो कभी धडकता भी न था
दिल का सोच कर ही कुलांचे भरना
हवाओं में बस महक जाना
ना कहते बनना ना चुप रहते बनना
सपनों में खो जाना
उसके न होने पे भी हर पल
साथ महसूस करना
इश्क का बिन पूछे दिल में उतर जाना
हर परिधि लाँघ अपना घर बना लेना
जीने की वजह मिल जाना
देने पे आना तो जान भी धर देना
चाहत में डूब जाना याद में खो जाना
बिना कहे उसका सब समझ जाना
दिल जो कभी धडकता भी न था
दिल का सोच कर ही कुलांचे भरना
हवाओं में बस महक जाना
ना कहते बनना ना चुप रहते बनना
सपनों में खो जाना
उसके न होने पे भी हर पल
साथ महसूस करना
इश्क का बिन पूछे दिल में उतर जाना
हर परिधि लाँघ अपना घर बना लेना
जीने की वजह मिल जाना
देने पे आना तो जान भी धर देना