वो तेरा मुझे आगोश में समेट लेना
जब भी मैंने खुद को बिखरा महसूस किया
वो तेरा टूट के चाहना
, हर बात पे मुस्कुरा देना
मैंने तुझे शिद्दत से चाहा है
कभी समझा नहीं पाई
मेरे रूठने पे वो तेरा मानाने का अनूठ अंदाज़
हर साँस तेरे नाम कर दी थी हमने
मेरी मौन आँखों में मेरी नाराज़गी पढ़
वो तेरा हस हस के जतलाना
मर मिटी मैं
तेरे इस अंदाज़ पे
तेरा हर बार निश्छलता से
अपनी हर गलती को मान लेना ,
आगे से तौबा करलेना
फिर वही दोहराना ,
जानते हुए भी
मै टूट जाती हूँ
, चाहे नहीं जतलाती
एहसास है तुझे भी
, वो बच्चों सी मासूमियत
चेहरे पे ला मुझे भरमा लेना तेरा
अनूठा अंदाज़ तेरा
तुझी तक सिमट के रह गई दुनियां हमारी
एक तू एक मैं बस , यहीं तक सिमट गई
हमारी दुनियां
बस एक तू एक मैं
अब न तू न मैं
हम पे आ सिमटी सारी दुनियां
जब भी मैंने खुद को बिखरा महसूस किया
वो तेरा टूट के चाहना
, हर बात पे मुस्कुरा देना
मैंने तुझे शिद्दत से चाहा है
कभी समझा नहीं पाई
मेरे रूठने पे वो तेरा मानाने का अनूठ अंदाज़
हर साँस तेरे नाम कर दी थी हमने
मेरी मौन आँखों में मेरी नाराज़गी पढ़
वो तेरा हस हस के जतलाना
मर मिटी मैं
तेरे इस अंदाज़ पे
तेरा हर बार निश्छलता से
अपनी हर गलती को मान लेना ,
आगे से तौबा करलेना
फिर वही दोहराना ,
जानते हुए भी
मै टूट जाती हूँ
, चाहे नहीं जतलाती
एहसास है तुझे भी
, वो बच्चों सी मासूमियत
चेहरे पे ला मुझे भरमा लेना तेरा
अनूठा अंदाज़ तेरा
तुझी तक सिमट के रह गई दुनियां हमारी
एक तू एक मैं बस , यहीं तक सिमट गई
हमारी दुनियां
बस एक तू एक मैं
अब न तू न मैं
हम पे आ सिमटी सारी दुनियां
nice
ReplyDeleteThanks Akshit
Deleteनारी का निश्छल मन ...
ReplyDeleteNishchalta hi naari ki Sunderta hai
DeleteThanks Rama
तुझी तक सिमट के रह गई दुनियां हमारी
ReplyDeleteएक तू एक मैं बस , यहीं तक सिमट गई
हमारी दुनियां
बस एक तू एक मैं
अब न तू न मैं
हम पे आ सिमटी सारी दुनियां ......bahut sundar
आभार उपासना जी
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