मुहब्बत
मुहब्बत करना तो सबको आता है
जतलाना कितनो को आता है
यह शब्द नहीं एहसास है
कब कहाँ हो जाये ,इसमें कुछ तो खास है
है सबको मानते कितने हैं
यह क्या है आज तक समझ नहीं आया
हाथ में हाथ डाल घूमना मुहब्बत है
एक दुसरे को समझना मुहब्बत है
किसी का दिल को भा जाना मुहब्बत है
इसका असल भाव समझ नहीं आया
यह सच है या कोई छाया
या मृगतृष्णा है जिसने इंसान को लुभाया
आज तक कोई समझ नहीं पाया
जतलाना कितनो को आता है
यह शब्द नहीं एहसास है
कब कहाँ हो जाये ,इसमें कुछ तो खास है
है सबको मानते कितने हैं
यह क्या है आज तक समझ नहीं आया
हाथ में हाथ डाल घूमना मुहब्बत है
एक दुसरे को समझना मुहब्बत है
किसी का दिल को भा जाना मुहब्बत है
इसका असल भाव समझ नहीं आया
यह सच है या कोई छाया
या मृगतृष्णा है जिसने इंसान को लुभाया
आज तक कोई समझ नहीं पाया
मोहब्बत एक अबूझ पहेली है..मगर इसे सुलझाना क्यूँ???
ReplyDeleteमोहब्बत को महसूस किया जाए बस....
सुन्दर रचना..
अनु
धन्यवाद अनु जी
Deleteसही कहा आपने इस अनबूझ ही रहने दिया जी तो अच्छा है