अल्लाह रहम कर मौला रहम कर
इन धर्म के ठेकेदारों का भी कुछ कर
हम तो देख सुन कर ही नहीं संभल पा रहे
उन नन्ही कोंपलों का क्या कसूर
जिनेह खिलने से पहले ही उखाड़ फैंका
दिल नहीं कांपा ?
हाथ नहीं डोले ?
अपनी आँख के तारे नहीं सूझे ?
घर दूसरों का जलाने पे
खुद का आशियाना कैसे बचा पाओगे
जो इस खौफ से गुजरे हैं
उनेहं कैसे संभाल पाओगे
जिनके घर उजड़े हैं
जिनकी आशाएं टूटी हैं
उनकी हाये से कैसे बच पाओगे?
हैवानियत को भी शर्मिंदा कर गए
क्या कसूर था इनका ?
क्या आने वाली पीढ़ीयों को बता पाओगे
जो यह आग लगा रहे हो
क्याय खुद बचा पाओगे ?
सोच के देखो इनकी जगह
खुद के चरागों को रख कर
मेरे ईश्वर रहम कर
हे भगवन रहम कर
इन धर्म के ठेकेदारों का भी कुछ कर
हम तो देख सुन कर ही नहीं संभल पा रहे
उन नन्ही कोंपलों का क्या कसूर
जिनेह खिलने से पहले ही उखाड़ फैंका
दिल नहीं कांपा ?
हाथ नहीं डोले ?
अपनी आँख के तारे नहीं सूझे ?
घर दूसरों का जलाने पे
खुद का आशियाना कैसे बचा पाओगे
जो इस खौफ से गुजरे हैं
उनेहं कैसे संभाल पाओगे
जिनके घर उजड़े हैं
जिनकी आशाएं टूटी हैं
उनकी हाये से कैसे बच पाओगे?
हैवानियत को भी शर्मिंदा कर गए
क्या कसूर था इनका ?
क्या आने वाली पीढ़ीयों को बता पाओगे
जो यह आग लगा रहे हो
क्याय खुद बचा पाओगे ?
सोच के देखो इनकी जगह
खुद के चरागों को रख कर
मेरे ईश्वर रहम कर
हे भगवन रहम कर
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