Saturday, March 21, 2015

मेरे बच्चे अब बड़े हो गए हैं

  मेरे बच्चे अब बड़े हो गए हैं
  उनकी जेबें भारी हो गई हैं
  हम उनके लिए कबाड़ हो गए हैं
   यह ममता मोह सब बेमोल हो गए हैं
   यूँ ही सजा डाले जो ख़ाब,
           सब ख़ाक हो गए हैं
       मेरे बच्चे अब बड़े हो गए हैं

     हमारी  चिंता अब बेमोल हो गई  है
     यूँ ही फ़ालतू की सोच हो गई है
    नन्ही बाहें जो गले में झूलती थी
       अब सुडौल हो गई हैं
       वो समझदार हम नासमझ  हो गए हैं
      हम इस नई दुनियाँ में नादान हो गए हैं
      मेरे बच्चे अब बड़े हो गए हैं

      हम अब  क्या  से क्या हो गए हैं
     शायद रिश्ते इतने बड़े हो गए
    हम  मूल रूप से दूर हो गए हैं
   अब वो बोलते है ,हम मौन हो गए हैं
         मेरे बच्चे अब बड़े हो गए हैं

  अब सच्च में मेरी दुनियां बदल गई है
  अब हमें सोचना पड़ता है बोलने से पहले
   क्यूंकि हमारा बोलने का सलीका फूहड़ हो गया है
   जिम्मेदारियों से तो हम महरूम हो गए हैं
         मेरे  बच्चे अब  बड़े  हो गए है






 
     

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