अजब है यह दुनियादारी
ताउम्र निकल गई
पर समझ नहीं आई
सुनते थे दुनियादारी
के लिए करना
पड़ता है सब
पर है क्या
यह दुनियादारी
ज़िन्दगी के इतने
वसंत गुज़र गए
पर यह पहेली
ना सुलझ पाई
दुनियादारी है क्या
क्यूँ निभानी पडती है
जब पता ही नहीं यह
है क्या , क्यूँ निभाते हैं हम
ताउम्र निकल गई
पर समझ नहीं आई
सुनते थे दुनियादारी
के लिए करना
पड़ता है सब
पर है क्या
यह दुनियादारी
ज़िन्दगी के इतने
वसंत गुज़र गए
पर यह पहेली
ना सुलझ पाई
दुनियादारी है क्या
क्यूँ निभानी पडती है
जब पता ही नहीं यह
है क्या , क्यूँ निभाते हैं हम
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